जयशंकर प्रसाद का जन्म 30-01-1889 मे वारासनी में हुआ । प्रसाद जी मुल्क कवि है। उन्होंने नाटक,कहानियां निबंध,और उपन्यास भी लिखे । उनकी रचनाओं में मुख्य रूप से भारत की ऐतिहासिक संस्कृति की झलक मिलती है । उनके प्रमुख नाटक है - ' चंद्रगुप्त ' स्कंदगुप्त ' ध्रुवस्वामिनी '। कामायानी ' उनका सुप्रसिद्ध महाकाव्य है । उनका निबंध 14-01 -1937 को हुआ । जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित इस कहानी की नायिका ममता है । ममता विधवा है । रोहतास दुर्ग के मंत्री चूड़ामणि अपने इस एक मात्र स्नेपलित। । पुत्री के दुखों से अत्यंत दुखी है । वे उसका भविष्य सुरक्षित रखने का प्रयास करते हैं किंतु पिता द्वारा भिजवाई स्वर्णा उपहारों के ममता लौटा देती है । डोलियो में छिपकर बैठे पढ़ान सैनिकों ने अगले ही दिन दुर्ग पर अधिकार कर लिया । चिंतामणि वही मारे गए किंतु ममता वहां से सुरक्षित काशी के उत्तर में स्थित एक विहार में जा पहुंची और वहीं रहने लगी । लंबा स...
20 सितंबर 2007 को अहमदाबाद हवाई अड्डे पर अमेरिका से एक हवाई जहाज आ पहुंचा तब अटलांटिस यान पृथ्वी पर पहुंचने जैसी उत्तेजना हुई थी । उसमें था गुजरात का गौरव , भारत की शान और पूरे विश्व की बेटी सुनीता विलियम्स । महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है । वह उच्च से उच्च पद पर आसीन तो है ही । परंपराओं की बेटी को तोड़कर अपने अस्तित्व को साकार रूप देने की क्षमता आज की नारी में है । युवा पीढी के गौरवशाली परंपरा में अंतरिक्ष अपना अस्तित्व स्थापित कर चुकी भारतीय महिला कल्पना चावला के बाद सुनीता विलियम्स का नाम जुड़ा है । सुनीता ने भारत की प्रतिष्ठा को गौरवान्वित किया और सफल होकर वापस आई । हमारे देश के हरियाणा प्रांत के करनाल शहर की कल्पना चावला को प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री होने का सम्मान मिला था । हमारे राकेश शर्मा भी प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री है । दुख के दिवास्वप्न आ को लक्ष्य बनाकर सुनीता विलियम्स आज इस मुकाम तक पहुंची है ...